कुछ अपनी, कुछ दुनिया की
Monday, August 2, 2010
ek inka bachpana hai
एक इनका बचपना है
एक बचपन था हमारा
थे बहुत पापड़ कि हम
दिन रात जिनको बेलते थे
हम खिलौनों से नहीं
हमसे खिलौने खेलते थे
शेर हाथी दोस्तों के
तोड़ते थे दिल हमारा
एक इनका बचपना है
एक बचपन tha हमारा
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